विवाह मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है और जब आप विवाह करने का मन बनाते हैं तब आप मानसिक तौर पर स्वयं को इसके लिए तैयार करते हैं । जब इसमें निरंतर रुकावटें अथवा व्यवधान होता है तब आपका मन व्यथित होना स्वाभाविक है । कोइ व्यक्ति जिसके निरंतर प्रयासों के बाद भी विवाह नहीं हो हो पा रहा है, वह समाज के निशाने पर ही रहता है। इस बात में दोराय नहीं है की नीजी कारणों के अतिरिक्त आपकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति तथा योग भी विवाह में देरी/ delay in marriage के लिए ज़िम्मेदार होते हैं ।